मैं आशुतोष कुमार गुप्ता भुईली एकमा सारण मातृ दिवस तो पुरे विश्व में अलग अलग दिनों पे मनाया जाता है.इस दिन की सबसे अच्छी बात ये है की ये हमारी माँ के लिए समर्पित एक दिन है.वैसे तो हम अपनी माँ से सबसे ज्यादा प्यार करते हैं,लेकीन शायद ही कभी हम उन्हें ये जताते हैं की हम उनसे कितना प्यार करते हैं.हमारे तरफ ये रिवाज़ नहीं की हर एक छोटी बात पे "आई लव यू मॉम" कहें. ये थोड़ी आधुनिक सभ्यता की सोच है, लेकीन अच्छी बात है. हमारे तरफ तो बस आँखें और कुछ अहसास ही इस बात का इजहार कर देते हैं.. और माँ ये समझ जाती है की हम उनसे कितना प्यार करते हैं.पूरी दुनिया में किसी से भी पूछो तो एक ही बात कहेगा की "मेरी माँ के हाथ से बना खाना मुझे सबसे ज्यादा पसंद है", मेरी भी यही कहानी है. ऐसा सिर्फ इसलिए की हम सबसे ज्यादा अहमियत अपनी माँ को देते हैं. ना जाने कितनी बातें हमने सीखी हैं अपनी माँ से...बचपन में जब हम छोटे थे, और हमारा न कोई दोस्त न कोई साथी था तब माँ ही हमारी सबसे अच्छी दोस्त हुआ करती थी.हमारे साथ खेलना,पढ़ना..हमें चलना सीखाना..हमें अपने हाथों से खाना खिलाना, रात-रात भर...